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Jammu-Kashmir Election : धारा 377 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव होने हैं. चुनाव आयोग केंद्र शासित प्रदेश में 2024 के लोकसभा चुनाव के साथ असेंबली इलेक्शन भी कराना चाहता है. इसे लेकर आयोग की टीम ने यूटी का दौरा भी किया और हालात की जानकारी ली. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने भी संकेत दिए हैं कि दोनों चुनाव एकसाथ हो सकते हैं. लेकिन पहले सुरक्षा की स्थिति को परखा जाएगा, उसके बाद ही कोई फैसला होगा. आयोग केंद्र शासित प्रदेश के रणनीतिकारों की राय भी ले रहा है. मुख्य चुनाव आयुक्त ने इस बात का खंडन भी किया कि राज्य में चुनाव कराने में देरी हुई है.
Jammu-Kashmir Election : क्या है जम्मू-कश्मीर की स्थिति
मुख्य चुनाव आयुक्त का कहना है कि प्रदेश में पारदर्शी चुनाव कराना आयोग की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि सभी उम्मीदवारों को एकसमान मौका मिलेगा. बता दें कि प्रदेश में करीब 87 लाख वोटर हैं. इनमें करीब 2886 वोटर 100 साल से ज्यादा उम्र के हैं. कुमार के मुताबिक 85 साल से ऊपर के वोटरों को घर से वोट करने की सुविधा दी जाएगी. तकनीकी अपग्रेडेशन से चुनावी प्रक्रिया आसान हो गई है. प्रदेश में चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था बरकरार रखने के लिए सीमा पर पूरी मुस्तैदी बरती जा रही है.
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Jammu-Kashmir Election : क्या होगा झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले वोटरों का
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोग वोटर की तरह रजिस्टर कर सकते हैं. लेकिन पहले उन्हें अपना रजिस्ट्रेशन वहां से कैंसिल कराना होगा, जहां के वे नियमित बाशिंदे हैं. सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स या सेना में काम कर रहे जवान, जो बाहर रह रहे हैं, पोस्टल बैलट के जरिए वोट कर सकते हैं. सीईसी ने कहा कि सभी जिलाधिकारियों और एसपी को इलाके में पारदर्शी चुनाव कराने की ताकीद की गई है.
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