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इस दिन महादेव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। कुंवारी लड़कियां भी अपने मनपसंद वर को पाने के लिए व्रत करती हैं।
By Arvind Dubey
Publish Date: Sat, 30 Mar 2024 03:52 PM (IST)
Updated Date: Sat, 30 Mar 2024 03:52 PM (IST)
HighLights
- विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए गणगौर का व्रत रखती हैं।
- गणगौर के दिन पूजा का शुभ समय सुबह 6.29 बजे से 08:24 बजे तक रहेगा।
- गणगौर व्रत 11 अप्रैल को रखा जाएगा।
धर्म डेस्क, इंदौर। Gangaur Vrat 2024 Date: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, गणगौर व्रत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है। यह व्रत माता पार्वती को समर्पित माना जाता है। यह त्योहार विशेष रूप से राजस्थान में मनाया जाता है। इस अवसर पर विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, परिवार में सुख-शांति के लिए गणगौर का व्रत रखती हैं। साथ ही इस दिन महादेव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। कुंवारी लड़कियां भी अपने मनपसंद वर को पाने के लिए व्रत करती हैं। आइए, जानते हैं कि गणगौर व्रत की तिथि, शुभ समय और पूजा विधि क्या है।
गणगौर व्रत तिथि और शुभ मुहूर्त
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 10 अप्रैल को शाम 5 बजकर 32 मिनट पर शुरू होगी। यह 11 अप्रैल को दोपहर 3:00 बजे समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मानी जाती है। ऐसे में गणगौर व्रत 11 अप्रैल को रखा जाएगा। गणगौर के दिन पूजा का शुभ समय सुबह 6.29 बजे से 08:24 बजे तक रहेगा।
गणगौर व्रत पूजा विधि
- गणगौर व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त तक उठें। इसके बाद अपने दिन की शुरुआत देवी-देवताओं का ध्यान करके करें।
- इसके बाद नहाकर साफ कपड़े पहनें और सोलह श्रृंगार करें।
- अब मिट्टी से भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति बनाएं।
- उन्हें एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर विराजित करें।
- इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती को चंदन, रोली और अक्षत चढ़ाएं।
- माता पार्वती को सोलह श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें।
- अब दीपक जलाकर गणगौर माता की आरती करें और व्रत का संकल्प लें।
- अंत में विशेष चीजों का भोग लगाएं और प्रसाद लोगों में बांट दें।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’
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