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रांची : श्रद्धा और विश्वास के साथ ईस्टर (पुनरुत्थान) का पर्व मनाया. शहर के गिरजाघरों में आराधना हुई. जीइएल चर्च, एनडब्ल्यूजीइएल चर्च और सीएनआई चर्च के विश्वासियों ने कब्रिस्तान में हुई विशेष आराधना में भाग लिया. इस अवसर पर यीशु के जी उठने की घटना पुनरुत्थान के मर्म को पुरोहितों ने समझाया. वहीं विश्वासियों ने अपने परिजनों की कब्रों में फूलमालाएं चढ़ायीं और मोमबत्ती जलाकर प्रार्थना की. आराधना के बाद सभी ईस्टर के जश्न में डूब गये. एक-दूसरे को ईस्टर की बधाई दी. अरसा, निमकी, केक जैसे पकवानों का आनंद दिया. मोहल्लों में युवा नृत्य करते दिखे.
यीशु का जी उठना नयी घटनाओं की शुरुआत : आर्चबिशप
संत मरिया महागिरजाघर में सुबह 7:30 बजे आराधना हुई. आर्चबिशप विसेंट आईंद ने विश्वासियों से कहा : प्रभु यीशु की क्रूस मृत्यु से लेकर उनके पुनरुत्थान (जी उठने) तक कई तरह की घटनाएं हुईं. और जो घटित हुआ वह नयी शुरुआत और नया जीवन है. यीशु मर गये थे और अब वे फिर कभी नहीं मरेंगे. हमारा बपतिस्मा यीशु का मरण है. हम उनके मरण में एक होते हैं और उनके नये जीवन में भी एक होते हैं. कब्र में यीशु के शव पर इत्र का लेपन करने गयी महिलाओं से सबसे पहले सिमोन पैत्रुस और योहन को उनके पुनर्जीवित होने का समाचार मिलता है. पर योहन ने जहां यीशु के पुनरुत्थान पर विश्वास किया, पैत्रुस ने अविश्वास किया. सुसमाचारों से पुनर्जीवित यीशु कई लोगों को दिखायी देते हैं. उनके शिष्यों को जो उनके क्रूस मृत्यु से डरे और सहमे हुए होते हैं, उन्हें वे दिखायी देते हैं. आर्चबिशप ने कहा कि हमारे जीवन में यीशु प्रकट हो यह जरूरी नहीं है, पर जीवन में ऐसे संकेत जरूर मिलते हैं कि वे जीवित हैं. 2000 साल बाद भी हमलोगों को ऐसे साक्ष्य मिलते हैं और हम उन पर विश्वास करते हैं. यीशु की उपस्थिति से चेलों की निराशा खत्म हो गयी थी और वे बिना डरे उनके जी उठने के समाचार का प्रचार करते हैं. हम भी पुनर्जीवित यीशु की शक्ति को अनुभव करें और अपने में परिवर्तन लायें, ताकी हम भी साक्षी दे सके.
प्रभु यीशु हमें संदेश देते हैं कि मत डरो, मैं प्रथम और अंतिम जीवता हूं
कांटाटोली स्थित कब्रिस्तान में भी बड़ी संख्या में विश्वासी आराधना में शामिल हुए. आराधना के मुख्य अनुष्ठक बिशप बीबी बास्के थे. इसमें उन्हें पेरिश प्रिस्ट रेव्ह एस डेविड सहित अन्य पुरोहितों ने सहयोग किया. उपदेशक रेव्ह विकास कुजूर ने कहा कि प्रभु यीशु जी उठा है. बाइबल के वचनों के आधार पर कहा कि प्रभु कहते हैं कि मैं ही मारता और जिंदा भी करता हूं. मैं ही घायल करता और चंगा भी करता हूं. उन्होंने कहा कि जहां मनुष्य द्वारा मृत्यु आयी तो वहीं मनुष्य (प्रभुु यीशु) द्वारा ही मरे हुए का पुनरुत्थान भी हुआ है. प्रभु हमें संदेश देते हैं कि मत डरो, मैं प्रथम और अंतिम जीवता (जी उठने वाला) हूं. मृत्यु और अधोलोक की कुंजियां मेरे पास हैं. वे कहते हैं कि मृत्यु का डंक पाप है. इसलिए मैंने तुमसे कहा कि यदि तुम मुझमें विश्वास नहीं करोगे, तो अपने पापों में मरोगे. इसलिए जरूरी है कि हम उन प्रभु पर अपनी आस्था दृढ़ करें. आराधना के दौरान विश्वासियों ने अपने परिजनों की कब्रों में फूलमालाएं और मोमबत्ती जलाकर पुनरूत्थान की घटना का स्मरण किया.
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यीशु का जी उठना मसीहियों के विश्वास का मूल आधार : मॉडरेटर
गोस्सनर कंपाउंड, कब्रिस्तान
गोस्सनर कंपाउंड स्थित कब्रिस्तान में रविवार को बड़ी संख्या में विश्वासी ईस्टर की आराधना में शामिल हुए. परिजनों की कब्रों को फूलमालाओं से सजाया और मोमबत्ती जलायी. आराधना का संचालन बिशप सीमांत तिर्की ने किया. मॉडरेटर बिशप जोहन डांग ने कहा कि प्रभु यीशु मसीह जी उठे हैं. यह पर्व सभी संसार के मसीहियों के लिए आशीष और विश्वास का मूल आधार है. जब प्रभु यीशु मसीह की कब्र में सुबह-सुबह बहनें इत्र का लेपन करने जाती हैं, तो वहां उन्हें स्वर्गदूत मिलता है. उसने उन बहनों को संदेश दिया कि यीशु आज जी उठे हैं और जो जी उठा है उसे तुम मुर्दों में क्यों खोजती हो? यह संसार के लिए आनंद का संदेश है. मॉडरेटर ने कहा कि हमारा मसीही विश्वास कहता है कि हम भले काम करते हैं, प्रभु यीशु के मार्ग का अनुसरण करते हैं तो हम भी न्याय के दिन मृत्यु के बाद जी उठेंगे. प्रभु कहते हैं : सत्य, मार्ग और जीवन मैं हूं और ईश्वर द्वारा ही हम स्वर्ग राज्य में जा सकते हैं. यीशु सच में जी उठा है. इससे पूर्व स्मरण पत्थर से कब्रिस्तान तक शोभायात्रा निकाली गयी.
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