Home Blog रेवती नक्षत्र और सर्वार्थ अमृत सिद्धि के शुभ संयोग में शुरू होंगे चैत्र नवरात्र, जानें नौ दिन के व्रत नियम

रेवती नक्षत्र और सर्वार्थ अमृत सिद्धि के शुभ संयोग में शुरू होंगे चैत्र नवरात्र, जानें नौ दिन के व्रत नियम

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रेवती नक्षत्र और सर्वार्थ अमृत सिद्धि के शुभ संयोग में शुरू होंगे चैत्र नवरात्र, जानें नौ दिन के व्रत नियम

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Chaitra Navratri 2024: हिंदू धर्म में नवरात्र के पर्व का विशेष महत्व होता है. चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्र शुरू हो जाती है. नवरात्र पर देवी दुर्गा का नौ अलग-अलग स्वरूपों की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाती है. इस बार चैत्र नवरात्रि पर मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आयेंगी. नवरात्र पर देवी पूजन और नौ दिन के व्रत का बहुत महत्व है. आइए जानते है ज्योतिषाचार्य पंडित पीयूष पाराशर से कि चैत्र नवरात्रि पूजा के लिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और शुभ संयोग के बारे में…

कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि आठ अप्रैल की रात को 11 बजकर 56 मिनट से शुरू हो जायेगी, जिसका समापन 9 अप्रैल को रात 9 बजकर 44 मिनट पर होगा. उदया तिथि के आधार पर चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू होगी. कलश स्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त ही सर्वोत्तम है. इस बार नवरात्रि पर कलश स्थापना के लिए सिर्फ 50 मिनट का समय है. कलश स्थापना 09 अप्रैल को सुबह 06 बजकर 12 मिनट से सुबह 10 बजकर 23 मिनट तक कर सकते हैं. यह सामान्य मुहूर्त है, जिसकी कुल अवधि 04 घंटे 11 मिनट की है. घटस्थापना, अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12 बजकर 3 मिनट से 12 बजकर 53 मिनट तक है, जिसकी कुल अवधि केवल 50 मिनट की ही है.

चैत्र नवरात्रि पर बना अतिदुर्लभ योग

इस बार चैत्र नवरात्रि पर 30 साल बाद अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, शश योग और अश्विनी नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है. नवरात्रि के पहले दिन अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 07 बजकर 32 मिनट से प्रारंभ होगा और यह अगले दिन 19 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 06 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा चैत्र नवरात्रि के पहले दिन रेवती नक्षत्र सुबह से लेकर सुबह 07 बजकर 32 मिनट तक रहेगा. उसके बाद से अश्विनी नक्षत्र सुबह 07 बजकर 32 मिनट से अगले दिन 10 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 06 मिनट तक रहेगा. उस दिन चंद्रमा मीन राशि में सुबह 07 बजकर 32 मिनट तक रहेगा, उसके बाद से मेष राशि में विद्यमान हो जाएंगे.

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चैत्र नवरात्रि पूजा नियम

  • नवरात्रि में सबसे पहले ब्रह्मचर्य का पालन करें.
    नौ दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और घर मंदिर की अच्छे से साफ सफाई करें.
    नौ दिनों तक उपवास करें, अगर आप नौ दिन का उपवास नहीं कर सकते तो एक समय भोजन करें.
    नवरात्रि में सात्विक भोजन करें, प्याज, लहसुन आदि को इन दिनों इस्तेमाल न करें.
    दुर्गा देवी के समक्ष अखंड ज्योति लगाएं और उसकी पूजा करें.
  • मां दुर्गा की पूजा के दौरान उन्हें लाल फूल जरूर अर्पित करें.
    दुर्गा देवी के नौ रूपों की पूजा करें और उसी के अनुसार भोग लगाएं.
    माता को लाल रंग की चुनटी, श्रृंगार का सामान और आभूषण भेंट करें.
    पूजा के अंत में दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ करें.
    कन्या पूजन करें और गरीबों की मदद करें.

इन नियमों का रखें ध्यान

  • नवरात्रि के 9 दिन सात्विक भोजन ही करें.
  • इस दौरान घर की सफाई का खास ध्यान रखें.
  • नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान मां दुर्गा का घर में वास होता है.
  • इन 9 दिनों में बाल और नाखुन काटने की भी मनाही होती है.
  • नवरात्रि में नंगे पांव रहना शुभ माना जाता है.

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