Home Blog Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि के 6वें दिन करें मां कात्यायनी की पूजा, इस मंत्र का जाप करेंगे तो मिलेगी कष्टों से मुक्ति

Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि के 6वें दिन करें मां कात्यायनी की पूजा, इस मंत्र का जाप करेंगे तो मिलेगी कष्टों से मुक्ति

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Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि के 6वें दिन करें मां कात्यायनी की पूजा, इस मंत्र का जाप करेंगे तो मिलेगी कष्टों से मुक्ति

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हाथ में फूल और गंगाजल लेकर व्रत व पूजन का संकल्प ले। देवी मां को फूलों के साथ-साथ कुमकुम, अक्षत, फूल आदि अर्पित करें। मां को भोग अर्पित घी का दीपक जलाएं और माता की आरती करें।

By Sandeep Chourey

Publish Date: Sat, 13 Apr 2024 12:21 PM (IST)

Updated Date: Sat, 13 Apr 2024 12:21 PM (IST)

Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि के 6वें दिन करें मां कात्यायनी की पूजा, इस मंत्र का जाप करेंगे तो मिलेगी कष्टों से मुक्ति
पूजा शुरू करने से पहले मां कात्यायनी का ध्यान करना चाहिए।

HighLights

  1. चैत्र नवरात्रि के छठे दिन देवी कात्यायनी की पूजा करने के लिए सुबह स्नान कर लें।
  2. इस दिन लाल या पीले रंग का वस्त्र ही धारण करना चाहिए।
  3. मंदिर या पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करना चाहिए।

धर्म डेस्क, इंदौर। चैत्र नवरात्रि पर्व के छठे दिन मां दुर्गा की छठी शक्ति मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यता है कि देवी कात्यायनी ऋषि कात्यायन की पुत्री है, इस कारण उनका नाम कात्यायनी पड़ा। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, यदि किसी जातक की विवाह में बाधा आ रही है या पारिवारिक जीवन में तनाव रहता है तो चैत्र नवरात्रि के दौरान मां कात्यायनी की पूजा जरूर करना चाहिए। ऐसे में 14 अप्रैल 2024 को चैत्र नवरात्रि का छठा दिन है और इस दिन मां कात्यायनी की पूजा के दौरान इन बातों का ध्यान रखें।

ऐसे करें मां कात्यायनी की पूजा

  • चैत्र नवरात्रि के छठे दिन देवी कात्यायनी की पूजा करने के लिए सुबह स्नान कर लें।
  • इस दिन लाल या पीले रंग का वस्त्र ही धारण करना चाहिए।
  • मंदिर या पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करना चाहिए।
  • पूजा शुरू करने से पहले मां कात्यायनी का ध्यान करना चाहिए।
  • हाथ में फूल और गंगाजल लेकर व्रत व पूजन का संकल्प ले।
  • देवी मां को फूलों के साथ-साथ कुमकुम, अक्षत, फूल आदि अर्पित करें।
  • मां को भोग अर्पित घी का दीपक जलाएं और माता की आरती करें।
  • पूजा के दौरान ‘ॐ देवी कात्यायन्यै नम:’ मंत्र का जाप करें।
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    ऐसे करें मां कात्यायनी का सिंगार

    मां कात्यायनी को सिंगार सोने की तरह चमकता होना चाहिए। सिंगार के दौरान 4 भुजाओं में अस्त्र-शस्त्र से सुशोभित होना चाहिए। शेर पर सवार मां की 4 भुजाएं हैं, इनके बाएं हाथ में कमल, तलवार व दाहिने हाथों में स्वास्तिक और आशीर्वाद की मुद्रा होती है। पौराणिक मान्यता है कि मां कात्यायनी ने महिषासुर का वध किया था। यही कारण है कि मां कात्यायनी को देवी महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है।

    डिसक्लेमर

    ‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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