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मान्यता के अनुसार, नवरात्र के दौरान मां दुर्गा जिस वाहन पर आती हैं, उसके अलग-अलग अर्थ होते हैं। इस बार चैत्र नवरात्र में मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आएंगी।
By Arvind Dubey
Publish Date: Sat, 30 Mar 2024 04:19 PM (IST)
Updated Date: Sat, 30 Mar 2024 04:19 PM (IST)
HighLights
- इस बार चैत्र नवरात्र 9 अप्रैल से शुरू होकर 17 अप्रैल को समाप्त होंगे।
- इस दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है।
- 9 अप्रैल को घटस्थापना करके मां दुर्गा की विशेष पूजा की जा सकती है।
धर्म डेस्क, इंदौर। Chaitra Navratri 2024: हिंदू धर्म में नवरात्र विशेष माने जाते है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, नवरात्र मुख्य रूप से साल में 2 बार मनाए जाते हैं। जिसमें चैत्र नवरात्र और आश्विन माह के शारदीय नवरात्र शामिल हैं। इस बार चैत्र नवरात्र 9 अप्रैल से शुरू होकर 17 अप्रैल को समाप्त होंगे। इस दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है। साथ ही व्रत भी रखा जाता है। मान्यता के अनुसार, नवरात्र के दौरान मां दुर्गा जिस वाहन पर आती हैं, उसके अलग-अलग अर्थ होते हैं। इस बार चैत्र नवरात्र में मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आएंगी। आइए, जानते हैं कि मां दुर्गा के इस वाहन का क्या मतलब है और यह क्या संकेत है।
मिलते हैं ये संकेत
शास्त्रों के अनुसार, अगर मां दुर्गा नवरात्र के दौरान घोड़े पर सवार होकर आती हैं, तो इसे छत्रभंगे स्तुरंगम कहा जाता है। मां दुर्गा का यह वाहन शुभ नहीं माना जाता है। मां दुर्गा का यह वाहन इस बात का संकेत देता है कि आने वाले समय में सत्ता में कुछ बदलाव होगा। युद्ध का सामना भी करना पड़ सकता है। कहा जाता है कि घोड़े पर सवार होकर मां दुर्गा के आगमन से प्राकृतिक आपदाओं की आशंका बढ़ सकती है।
इस दिन से शुरू होंगे नवरात्र
पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्र चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी 9 अप्रैल से शुरू होंगे और 17 अप्रैल को समाप्त होंगे। ऐसे में आप 9 अप्रैल को घटस्थापना करके मां दुर्गा की विशेष पूजा की जा सकती है।
घटस्थापना समय
ज्योतिषियों के मुताबिक, 9 अप्रैल को घटस्थापना का समय सुबह 06:02 बजे से 10:16 बजे तक है। इस अवधि में घटस्थापना की जा सकती है। इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11.57 बजे से दोपहर 12.48 बजे के बीच भी घटस्थापना की जा सकती है।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’
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