[ad_1]
चैत्र नवरात्र का पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित है। इस दिन मां शैलपुत्री की विशेष पूजा करने की परंपरा है।
By Arvind Dubey
Publish Date: Mon, 08 Apr 2024 03:07 PM (IST)
Updated Date: Mon, 08 Apr 2024 03:32 PM (IST)
HighLights
- मां शैलपुत्री की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- पहले दिन मां दुर्गा के स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है।
- मां शैलपुत्री के चेहरे पर तेज झलकता है।
धर्म डेस्क, इंदौर। Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्र उत्सव मां दुर्गा को समर्पित होता है। हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्र शुरू होते है। इस बार चैत्र नवरात्र 9 अप्रैल से शुरू होंगे। चैत्र नवरात्र का पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित है। इस दिन मां शैलपुत्री की विशेष पूजा करने की परंपरा है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां शैलपुत्री की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और घर में सुख-शांति आती है। आइए, जानते हैं कि मां शैलपुत्री का स्वरूप कैसा है।
मां शैलपुत्री का स्वरूप
चैत्र नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा के स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मां शैलपुत्री प्रेम की सागर हैं। मां बहुत दयालु और करुणामयी हैं। मां शैलपुत्री के चेहरे पर तेज झलकता है। मां शैलपुत्री के बाएं हाथ में कमल का फूल और दाहिने हाथ में त्रिशूल है। माता की सवारी वृषभ है। देवी मां अपने भक्तों की रक्षा करती हैं और उनके कष्टों को दूर करती हैं। मान्यता है कि मां शैलपुत्री की पूजा करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
चैत्र नवरात्र पहले दिन का महत्व
नवरात्रि के पहले दिन देवी शैलपुत्री की पूजा और व्रत करने की परंपरा है। साथ ही यह दिन मां शैलपुत्री को समर्पित होता है। देवी शैलपुत्री जिन्हें देवी पार्वती के नाम से भी जाना जाता है, राजा हिमालय और माता मैना की बेटी हैं। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 8 अप्रैल को रात 11.50 बजे शुरू होगी और 9 अप्रैल को रात 8.30 बजे समाप्त होगी। ऐसे में 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्र शुरू हो जाएंगे।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’
[ad_2]
Source link