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Chaitra Navratri 5th Day: चैत्र नवरात्र में पांचवें दिन करें देवी स्कंदमाता की आराधना, इन मंत्रों के साथ करें पूजा

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Chaitra Navratri 5th Day: चैत्र नवरात्र में पांचवें दिन करें देवी स्कंदमाता की आराधना, इन मंत्रों के साथ करें पूजा

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धार्मिक मान्यता है देवी स्कंदमाता कार्तिकेय कुमार यानी स्कंद कुमार की माता है। इस दिन विधि विधान से पूजा करने पर सूनी गोद जल्द भर जाती है।

By Sandeep Chourey

Publish Date: Fri, 12 Apr 2024 10:55 AM (IST)

Updated Date: Fri, 12 Apr 2024 11:47 AM (IST)

Chaitra Navratri 5th Day: चैत्र नवरात्र में पांचवें दिन करें देवी स्कंदमाता की आराधना, इन मंत्रों के साथ करें पूजा
पूजा के बाद 5 कन्याओं को केले का प्रसाद वितरित करें। ऐसा करने से देवी स्कंदमाता प्रसन्न होती है।

HighLights

  1. चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन 13 अप्रैल को स्नान के बाद पीले वस्त्र धारण करें।
  2. माता की चौकी सजाने के बाद माता को पीला चंदन, पीली चुनरी, पीली चूड़ियां, पीले फूल अर्पित करें।
  3. भोग में केले का भोग जरूर लगाना चाहिए।

धर्म डेस्क, इंदौर। हिंदू धर्म में शक्ति की आराधना का पर्व चैत्र नवरात्रि इन दिनों उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। नौ दिनों तक चलने वाले इस शक्ति पर्व में पांचवें दिन 13 अप्रैल को मां दुर्गा की पांचवी शक्ति मां स्कंदमाता की आराधना की जाएगी। पौराणिक मान्यता है कि देवी स्कंदमाता की आराधना करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यता है देवी स्कंदमाता कार्तिकेय कुमार यानी स्कंद कुमार की माता है। इस दिन विधि विधान से पूजा करने पर सूनी गोद जल्द भर जाती है।

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ऐसे करें देवी स्कंदमाता की पूजा

  • चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन 13 अप्रैल को स्नान के बाद पीले वस्त्र धारण करें।
  • माता की चौकी सजाने के बाद माता को पीला चंदन, पीली चुनरी, पीली चूड़ियां, पीले फूल अर्पित करें।
  • भोग में केले का भोग जरूर लगाना चाहिए। साथ में केसर युक्त खीर का भी भोग लगा सकते हैं।
  • पूजा के बाद 5 कन्याओं को केले का प्रसाद वितरित करें। ऐसा करने से देवी स्कंदमाता प्रसन्न होती है।
  • स्तुति

    या देवी सर्वभू‍तेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।

    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।

    बीज मंत्र

    ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:

    प्रार्थना मंत्र

    सिंहासना गता नित्यं पद्माश्रि तकरद्वया। शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।।

    डिसक्लेमर

    इस लेख में दी गई जानकारी/ सामग्री/ गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ धार्मिक मान्यताओं/ धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें।

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