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Hanuman Janmotsav 2024: हनुमान जन्मोत्सव पर इस विधि से करें पूजा, बजरंगबली होंगे प्रसन्न

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Hanuman Janmotsav 2024: हनुमान जन्मोत्सव पर इस विधि से करें पूजा, बजरंगबली होंगे प्रसन्न

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चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयंती आती है। इसी दिन भगवान हनुमान का जन्म हुआ था, इसलिए यह दिन महत्वपूर्ण माना जाता है।

By Ekta Sharma

Publish Date: Sun, 31 Mar 2024 01:41 PM (IST)

Updated Date: Sun, 31 Mar 2024 01:59 PM (IST)

Hanuman Janmotsav 2024: हनुमान जन्मोत्सव पर इस विधि से करें पूजा, बजरंगबली होंगे प्रसन्न
Hanuman Jayanti 2024

HighLights

  1. इस बार हनुमान जयंती 23 अप्रैल को मनाई जाएगी।
  2. हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं।
  3. सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ करें।

धर्म डेस्क, इंदौर। Hanuman Janmotsav 2024: हनुमान जयंती का दिन शुभ माना जाता है। इसे हनुमत जयंती, हनुमान जन्मोत्सव, अंजनेय जयंती और बजरंगबली जयंती के नाम से भी जाना जाता है। माता अंजना और वानर राज केसरी के पुत्र भगवान हनुमान हैं। पवन पुत्र के रूप में उनकी पूजा की जाती है। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयंती आती है। इसी दिन भगवान हनुमान का जन्म हुआ था, इसलिए यह दिन महत्वपूर्ण माना जाता है।

हनुमान जयंती तिथि और समय

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस वर्ष की चैत्र शुक्ल पूर्णिमा तिथि 23 अप्रैल 2024, मंगलवार को सुबह 3:25 बजे शुरू होगी। यह तिथि 24 अप्रैल 2024, बुधवार को सुबह 5 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, इस बार हनुमान जयंती 23 अप्रैल को मनाई जाएगी।

हनुमान जयंती पूजा विधि

  • इस दिन भक्त सुबह उठकर पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
  • व्रत करने वाले व्यक्ति को भगवान के समक्ष व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
  • इसके बाद एक वेदी पर हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करें।
  • हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं।
  • चमेली के तेल का दीपक जलाएं।
  • तुलसी और गुलाब के पुष्पों की माला अर्पित करें।
  • गुड़, लड्डू आदि का भोग अर्पित करें।
  • सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
  • आरती के साथ पूजा समाप्त करें।
  • पूजा के बाद शंख बजाएं।
  • अगली सुबह सात्विक भोजन से अपना व्रत खोलें।

रामायण की चौपाई

(1) कहि न जाइ कछु नगर बिभूती। जनु एतनिअ बिरंचि करतूती।।

सब बिधि सब पुर लोग सुखारी। रामचंद मुख चंदु निहारी।।

(2) मुदित मातु सब सखीं सहेली। फलित बिलोकि मनोरथ बेली।।

राम रूपु गुन सीलु सुभाऊ। प्रमुदित होइ देखि सुनि राऊ।।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

  • ABOUT THE AUTHOR

    एकता शर्मा नईदुनिया डिजिटल में सब एडिटर के पद पर हैं और बीते 2 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। डिजिटल मीडिया में काम करने का अनुभव है। साल 2022 से जागरण न्यू मीडिया (JNM) से जुड़ी हैं और Naiduni

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