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Holi 2024: मार्च में इस दिन मनाई जाएगी होली, जानिए क्यों महत्वपूर्ण है ये त्योहार

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Holi 2024: मार्च में इस दिन मनाई जाएगी होली, जानिए क्यों महत्वपूर्ण है ये त्योहार

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धार्मिक महत्व के अलावा होली का सांस्कृतिक और पारंपरिक महत्व भी बहुत है। दिवाली के बाद होली का त्योहार दूसरा सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है।

By Ekta Sharma

Publish Date: Thu, 15 Feb 2024 01:34 PM (IST)

Updated Date: Thu, 15 Feb 2024 01:34 PM (IST)

Holi 2024: मार्च में इस दिन मनाई जाएगी होली, जानिए क्यों महत्वपूर्ण है ये त्योहार
Holi festival 2024

HighLights

  1. होली की धूम अब विदेशों में भी देखी जा सकती है।
  2. 24 मार्च रविवार को होलिका दहन किया जाएगा।
  3. होली देखने के लिए दूर-दूर से कई पर्यटक भारत आते हैं।

धर्म डेस्क, इंदौर। Holi 2024: होली हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक माना जाता है। वसंत ऋतु के आते ही लोग होली का इंतजार करने लग जाते हैं। होली को रंगों का त्योहार भी कहा जाता है। इस त्योहार पर लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं। हर साल इसे लेकर लोगों में जमकर उत्साह देखने को मिलता है। पूरे देश में इसे धूमधाम से मनाया जाता है। इतना ही नहीं, होली की धूम अब विदेशों में भी देखी जा सकती है। ऐसे में आइए, जानते हैं कि साल 2024 में होली किस दिन मनाई जाएगी।

होली 2024 शुभ मुहूर्त

फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को सुबह 09 बजकर 54 मिनट पर प्रारंभ होगी। यह तिथि 25 मार्च को दोपहर 12:29 बजे समाप्त होगी। ऐसे में 24 मार्च रविवार को होलिका दहन किया जाएगा और 25 मार्च को होली मनाई जाएगी।

होली का महत्व

धार्मिक महत्व के अलावा होली का सांस्कृतिक और पारंपरिक महत्व भी बहुत है। दिवाली के बाद होली का त्योहार दूसरा सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि अपनी लोकप्रियता के कारण अन्य देशों में भी मनाया जाता है। होली देखने के लिए दूर-दूर से कई पर्यटक भारत आते हैं।

क्यों मनाई जाती है होली?

पौराणिक कथा के अनुसार, हिरण्यकश्यपु का पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का बहुत बड़ा भक्त था, लेकिन हिरण्यकश्यपु भगवान श्रीहरि से बहुत घृणा करता था। सभी उपाय करने के बाद भी प्रह्लाद ने भगवान विष्णु की पूजा करना बंद नहीं किया, इसलिए हिरण्यकश्यपु ने अपनी बहन होलिका के साथ एक योजना बनाई।

होलिका को वरदान मिला कि अग्नि उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगी। इस कारण वह भक्त प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठ गई। तब भगवान विष्णु ने होलिका को जलाकर राख कर दिया और श्रीहरि की कृपा से भक्त प्रह्लाद बच गया। तभी से इस दिन को होलिका दहन के रूप में मनाया जाता है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

  • ABOUT THE AUTHOR

    एकता शर्मा नईदुनिया डिजिटल में सब एडिटर के पद पर हैं और बीते 2 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। डिजिटल मीडिया में काम करने का अनुभव है। साल 2022 से जागरण न्यू मीडिया (JNM) से जुड़ी हैं और Naiduni

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