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Holi 2024 Time: जानें किस मुहूर्त में होगा होलिका दहन, यहां जानें पूजा का सही समय व पौराणिक कथा

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Holi 2024 Time: जानें किस मुहूर्त में होगा होलिका दहन, यहां जानें पूजा का सही समय व पौराणिक कथा

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हिंदू धर्म में होली पर्व को लेकर कई पौराणिक कथाएं हैं, जिसमें भक्त प्रहलाद और उनके पिता राक्षसराज हिरण्यकश्यप के जुड़ी हुई कथा सबसे ज्यादा प्रचलित है।

By Sandeep Chourey

Publish Date: Tue, 19 Mar 2024 10:17 AM (IST)

Updated Date: Tue, 19 Mar 2024 10:17 AM (IST)

Holi 2024 Time: जानें किस मुहूर्त में होगा होलिका दहन, यहां जानें पूजा का सही समय व पौराणिक कथा
इसे छोटी होली भी कहा जाता है, जो 24 मार्च 2024 रविवार को है।

HighLights

  1. होली का त्योहार फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है।
  2. इस साल होली 25 मार्च 2024 यानी सोमवार को मनाई जाएगी।
  3. होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है।

धर्म डेस्क, इंदौर। हिंदू धर्म में होली का त्योहार सबसे जीवंत और हर्षोल्लास से भरा होता है। पूरे देश में होली का त्योहार उल्लास के साथ मनाया जाता है। पश्चिम बंगाल, असम के साथ-साथ त्रिपुरा में रंगों के इस त्योहार को डोल जात्रा या बसंत उत्सव के रूप में मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, होली का त्योहार फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस साल होली 25 मार्च 2024 यानी सोमवार को मनाई जाएगी। होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है और इसे छोटी होली भी कहा जाता है, जो 24 मार्च 2024 रविवार को है।

यहां जानें होली का शुभ मुहूर्त

पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, इस साल होलिका दहन 24 मार्च 2024, रविवार को शाम 07:19 बजे से रात 09:38 बजे के बीच किया जाना उचित होगा। इसके बाद अगले दिन 25 मार्च 2024, सोमवार को 12:24 पूर्वाह्न से प्रारंभ होकर 25 मार्च 02:59 पूर्वाह्न तक होली खेली जाएगी।

ऐसे हुई थी होली पर्व की शुरुआत

होली जैसे जीवंत और रंगीन त्योहार की जड़ें काफी गहरी है। हिंदू धर्म में होली पर्व को लेकर कई पौराणिक कथाएं हैं, जिसमें भक्त प्रहलाद और उनके पिता राक्षसराज हिरण्यकश्यप के जुड़ी हुई कथा सबसे ज्यादा प्रचलित है। इसमें बताया गया है कि भगवान विष्णु के भक्त प्रहलाद को भगवान विष्णु ने उसके पिता हिरण्यकश्यप के बुरे इरादों से बचाया था।

कथा के मुताबिक, हिरण्यकश्यप की बहन, होलिका को एक वरदान प्राप्त था कि उसे आग भी जला नहीं सकती है, तो हिरण्यकश्यप ने बहन होलिका की गोद में प्रहलाद को जलती आग में बैठने के लिए कहा। इस साजिश में होलिका भस्म हो गई, लेकिन प्रहलाद सुरक्षित बच गया। ऐसे में होलिका की भस्म को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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    कई मीडिया संस्थानों में कार्य करने का करीब दो दशक का अनुभव। करियर की शुरुआत आकाशवाणी केंद्र खंडवा से हुई। महाराष्ट्र में फील्ड रिपोर्टिंग, भोपाल दूरदर्शन, ETV न्यूज़ सहित कुछ रीजनल न्यूज चैनल में काम करके इलेक्

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