Home Blog Navratri Day 4: चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन करें देवी कुष्मांडा की आराधना, जानें क्या है पूजन विधि व भोग की सामग्री

Navratri Day 4: चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन करें देवी कुष्मांडा की आराधना, जानें क्या है पूजन विधि व भोग की सामग्री

0
Navratri Day 4: चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन करें देवी कुष्मांडा की आराधना, जानें क्या है पूजन विधि व भोग की सामग्री

[ad_1]

पूजा के बाद इलायची को साफ हरे वस्त्र में बांधकर अलमारी में रख दें। इससे जीवन में सुख और समृद्धि बढ़ती है।

By Sandeep Chourey

Publish Date: Thu, 11 Apr 2024 01:33 PM (IST)

Updated Date: Thu, 11 Apr 2024 01:33 PM (IST)

Navratri Day 4: चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन करें देवी कुष्मांडा की आराधना, जानें क्या है पूजन विधि व भोग की सामग्री
देवी कुष्मांडा की पूजन के लिए फोटो या प्रतिमा चौकी पर विराजमान करें।

HighLights

  1. पौराणिक मान्यता है कि देवी कुष्मांडा का वाहन सिंह है।
  2. देवी कुष्मांडा को अष्टभुजा देवी भी कहा जाता है।
  3. देवी कुष्मांडा की एक भुजा में कमंडल, एक भुजा में धनुष और बाण होता है।

धर्म डेस्क, इंदौर। चैत्र नवरात्रि पर्व जारी है और इस दौरान चौथे दिन मां दुर्गा के भव्य स्वरूप देवी कुष्मांडा की आराधना की जाती है। चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन 12 अप्रैल 2024, शुक्रवार को सुंदर छवि वाली देवी कुष्मांडा की पूजा करने से भक्तों के सभी दुख दूर हो जाते हैं और सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

देवी कुष्मांडा का वाहन सिंह

पंडित प्रभु दयाल दीक्षित के मुताबिक, पौराणिक मान्यता है कि देवी कुष्मांडा का वाहन सिंह है। देवी कुष्मांडा को अष्टभुजा देवी भी कहा जाता है। देवी कुष्मांडा की एक भुजा में कमंडल, एक भुजा में धनुष और बाण होता है। इसी तरह अन्य भुजाओं में कमल पुष्प, शंख, चक्र, गदा, सिद्धियों से युक्त माला और अमृत कलश होता है।

naidunia_image

ऐसे करें पूजा

  • देवी कुष्मांडा की पूजन के लिए फोटो या प्रतिमा चौकी पर विराजमान करें।
  • इसके बाद रोली, अक्षत, पीले फूल, पीले वस्त्र अर्पित करें।
  • देवी को पूजा के दौरान कुम्हड़ा (कद्दू) जरूर चढ़ाएं। देवी मां को कुम्हड़े की बलि प्रिय होती है।
  • पूजा के दौरान ‘ॐ बुं बुधाय नमः’ मंत्र का जाप करें।
  • पूजा के दौरान हरी इलायची के साथ सौंफ भी जरूर अर्पित करें।य़
  • पूजा के बाद इलायची को साफ हरे वस्त्र में बांधकर अलमारी में रख दें। इससे जीवन में सुख और समृद्धि बढ़ती है।
  • चौथे दिन पूजा के दौरान पीले रंग के कपड़े धारण करें।

मां कुष्मांडा को प्रसन्न करने का मंत्र

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here