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हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस वर्ष चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 4 अप्रैल 2024 गुरुवार को शाम 4 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी।
By Arvind Dubey
Publish Date: Mon, 25 Mar 2024 10:06 AM (IST)
Updated Date: Mon, 25 Mar 2024 10:06 AM (IST)
HighLights
- यह साल की आखिरी एकादशी होगी।
- इस साल यह व्रत 5 अप्रैल को रखा जाएगा।
- एकादशी पर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
धर्म डेस्क, इंदौर। Papmochani Ekadashi 2024: पापमोचनी एकादशी का व्रत करना शुभ माना जाता है। एक साल में कुल 24 एकादशियां पड़ती हैं और यह साल की आखिरी एकादशी होगी। प्रत्येक एकादशी का अपना विशेष महत्व होता है। एकादशी पर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस साल यह व्रत 5 अप्रैल को रखा जाएगा। आइए, जानते हैं कि पापमोचनी एकादशी की सही तिथि, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त क्या है।
पापमोचनी एकादशी तिथि और शुभ मुहूर्त
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस वर्ष चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 4 अप्रैल 2024 गुरुवार को शाम 4 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी। यह अगले दिन शुक्रवार 5 अप्रैल 2024 को दोपहर 1 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार यह व्रत 5 अप्रैल को रखा जाएगा।
पापमोचनी एकादशी पूजा विधि
- इस दिन सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।
- भगवान विष्णु के समक्ष व्रत का निश्चय करें।
- इसके बाद अपने घर और पूजा घर को अच्छी तरह साफ करें।
- एक चौकी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें।
- इस दिन भगवान को पंचामृत से स्नान कराएं।
- पीले फूलों की माला चढ़ाएं।
- इसके बाद हल्दी या गोपी चंदन का तिलक लगाएं।
- भगवान विष्णु को पंजीरी और पंचामृत का भोग लगाएं।
- भगवान विष्णु का ध्यान करें।
- पूजा में तुलसी के पत्ते अवश्य शामिल करें।
- आरती के साथ पूजा समाप्त करें।
- अगले दिन पूजा के बाद प्रसाद के साथ अपना व्रत खोलें।
भगवान विष्णु पूजन मंत्र
- ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
- ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
- ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।
ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।।
डिसक्लेमर
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