Home Blog Somvati Amavasya 2024: सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल को, तर्पण करने से प्रसन्न होते हैं पूर्वज, जानें क्या है पूजा मुहूर्त

Somvati Amavasya 2024: सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल को, तर्पण करने से प्रसन्न होते हैं पूर्वज, जानें क्या है पूजा मुहूर्त

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Somvati Amavasya 2024: सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल को, तर्पण करने से प्रसन्न होते हैं पूर्वज, जानें क्या है पूजा मुहूर्त

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सोमवती अमावस्या के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें और दिन की शुरुआत देवी-देवता के ध्यान से करें।

By Sandeep Chourey

Publish Date: Sun, 31 Mar 2024 10:30 AM (IST)

Updated Date: Sun, 31 Mar 2024 10:36 AM (IST)

Somvati Amavasya 2024: सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल को, तर्पण करने से प्रसन्न होते हैं पूर्वज, जानें क्या है पूजा मुहूर्त
चैत्र माह कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत 08 अप्रैल को सुबह 03.21 बजे होगी।

HighLights

  1. धार्मिक मान्यता के अनुसार, सोमवती अमावस्या तिथि पर तर्पण करने से पितृ प्रसन्न होते हैं।
  2. सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करना शुभ होता है।
  3. सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से काल, कष्ट, दुख, संकट से छुटकारा मिलता है।

धर्म डेस्क, इंदौर। हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि इस तिथि पर यदि विधि-विधान से पूजा करने पर जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह की अमावस्या तिथि 08 अप्रैल को है और इसे सोमवती अमावस्या के नाम जाना जाता है।

तर्पण से प्रसन्न होते हैं पितृ

धार्मिक मान्यता के अनुसार, सोमवती अमावस्या तिथि पर तर्पण करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करना शुभ होता है। पौराणिक मान्यता है कि सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से काल, कष्ट, दुख, संकट से छुटकारा मिलता है।

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सोमवती अमावस्या पर पूजा का मुहूर्त

चैत्र माह कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत 08 अप्रैल को सुबह 03.21 बजे होगी और इस तिथि का समापन रात 11.50 बजे पर होगा। इस तिथि को स्नान और दान करना शुभ माना जाता है। स्नान और दान के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 04.32 बजे से लेकर सुबह 05.18 बजे का समय उचित है।

सोमवती अमावस्या पर ऐसे करें पूजा

सोमवती अमावस्या के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें और दिन की शुरुआत देवी-देवता के ध्यान से करें। इसके बाद पवित्र नदी या फिर घर में पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। अब भगवान सूर्य देव को जल अर्पित करें। इसके पश्चात भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करें। भोलेनाथ को फल, फूल, भांग, धतूरा, बेलपत्र अर्पित करें। अब दीपक जलाकर आरती करें और शिव स्त्रोत और शिव चालीसा का सच्चे मन से पाठ करें। इसके पश्चात सुख, समृद्धि और शांति की कामना करें। अब भोग लगाकर लोगों में प्रसाद का वितरण करें।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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    कई मीडिया संस्थानों में कार्य करने का करीब दो दशक का अनुभव। करियर की शुरुआत आकाशवाणी केंद्र खंडवा से हुई। महाराष्ट्र में फील्ड रिपोर्टिंग, भोपाल दूरदर्शन, ETV न्यूज़ सहित कुछ रीजनल न्यूज चैनल में काम करके इलेक्

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